शनिवार, 27 जून 2020

ऐसा एक पल आएगा (कविता)


ऐसा एक पल आएगा।
ऐसा एक पल आएगा ऐसा एक छड़ आएगा
सब कुछ ठीक होगा, पर पल पे बिखर जाएगा
सुबह का सूरज, रात के अंधेरे में बदल जाएगा
दुख का पलड़ा, सुख पर भारी पड़ जाएगा
ऐसे में जीवन जीने की राह बदल जायेगी
निराश जीवन में खुद को खत्म करने का मन होगा
ऐसे में बहुत से सवाल मन मे आएंगे 
क्या आत्महत्या से सवालो के जवाब मिल जायेंगे
लोग कायर कहेंगे ,बुजदिल कहेंगे
कुछ अच्छा और सच्चा भी कहेंगे
बाते बनाएंगे कुछ दिन मातम मनाएंगे
और कुछ दिन में तुम्हे भूल जाएंगे
पर उनका भी सोचो जो दिल से तुम को बुलाएंगे
तुम्हारे न होने पे आशु बहाएंगे
सारी जिंदगी खुद को तड़पाएँगे
दुसरो के तानो से माँ बाप मर जायेंगे।

@tri....

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