गुरुवार, 3 दिसंबर 2020

बेटियां..( Pride of nation)

 

वक़्त बदलेगा समाज भी बदल जाएगा।
जिस दिन हर बेटी को उसका हक़ मिल जाएगा।
बेटी जन्म लेगी बाप जस्न मनाएगा।
उस दिन माँ का दिल खुशियों से भर जाएगा।
बेटी सपने बुनेगी बाप उसे रास्ता दिखाएगा।
माँ की ममता संग हर बाग खिलखिलाएगा।
उस दिन संस्कारो की बगिया में हर फूल मुस्कुराएगा।
जिस दिन से भाई -भाई होने का फर्ज निभाएगा।
उस दिन से रक्षा बंधन का वचन सफल हो जाएगा।
जिस दिन बाप अपनी बेटी को बेटी कह के बुलाएगा।
उस दिन बेटी को बेटी होने का हक़ मिल जाएगा।
जिस दिन से समाज दिल से बेटी को अपनाएगा।
उस दिन से बेटी बोझ है यह कलंक मिट जाएगा।
बेटी लक्ष्मी होती है घर की जब परिवार समझ जाएगा।
उस दिन बेटी को बेटी होने पर गर्व हो जाएगा।
जिस दिन से बेटी को बेटी,बहु को बहु , माँ को माँ
बहन को बहन और पत्नी को पत्नी ,
होने का सम्मान मिल जाएगा।
उस दिन से यह पुरुष प्रधान देश बदल जाएगा।
बेटी अभिमान है देश की बुनियाद है।
समाज का उत्थान है पिता की पहचान है।
जब पुरुष प्रधान समाज इस बात को समझ जाएगा।
उस दिन से हर बेटी का जीवन सवर जाएगा।
महिला संग पुरुष होगा जो प्रधान कहलाएगा।
शक्ति बिना शिव का कोई मतलब न रह जाएगा।
यह बात जब देश का हर वर्ग समझ जाएगा।
उस दिन से समाज बदलेगा यह देश भी बदल जाएगा।
@tri..