आँखे है या आईना
सच की परछाई सी
रंग बिरंगी तितली सी
कड़कड़ाती बिजली सी
चाँद की चाँदनी सी
गहराई सागर सी
जलती हुई कोई ज्वाला सी
प्यार की बारिश सी
शब्दो की खामोसी सी
किसी प्यासे की फरियाद सी
यादों की हमसफर सी
लब्जो की किताब सी
प्यार में डूबी स्याही सी
मन को शीतल करती
चंदन की खुश्बू सी
नशे में डूबी ....
आँखें है या मधुशाला।
@tri....