ऐतबार किसपे करे, हर शख्स खुद को बदलता रहा। जुबान के मौसम बदलते रहे, दिल का हाल भी बदलता रहा। कसमे तोड़ और वादे बिखेर कर, वह अपनी पहचान बदलता रहा। हालात बदलते रहे, और ... ज़िन्दगी से ऐतबार बदलता रहा। @tri....
ऐतबार किसपे करे,
हर शख्स खुद को बदलता रहा।
जुबान के मौसम बदलते रहे,
दिल का हाल भी बदलता रहा।
कसमे तोड़ और वादे बिखेर कर,
वह अपनी पहचान बदलता रहा।
हालात बदलते रहे, और ...
ज़िन्दगी से ऐतबार बदलता रहा।
@tri....