शनिवार, 27 जून 2020

छोटी सी मुस्कान (कहानी)



छोटी सी मुस्कान .......


देश lockdown के माहौल में है भौतिक दिल्ली में rent पे रहता है शाह अंकल के यहाँ।भौतिक अपने घर से दूर दिल्ली में कम्पटीशन की तैयारी कर रहा है।उसे डर है कही शाह अंकल रेंट न मांगने आ जाये।

शाह अंकल को रेंट लेट मिले यह पसंद नही ।लेट होता है तो बहुत चिल्लाते है।

"ऐसे समय मे पापा से कैसे पैसे माँगे वो भी तो मुसीबत में होंगे। शाह अंकल आ गए तो क्या जवाब दूंगा" ऐसे खयाल भौतिक के मन मे आ रहे है।

अचानक doorbelll रिंग होता है।

भौतिक दरवाजा खोलता है शाह अंकल सामने।

"नमस्ते अंकल ।"

"नमस्ते नमस्ते। दूर से बात करो सोशल distancing को फॉलो करो।और सब ठीक है ना।खाने पीने की दिकत तो नही।" शाह अंकल ने कहा।

"सब ठीक है अंकल आप का रूम रेंट में 2 से 3 दिन में इंतज़ाम कर दूंगा।" भौतिक ने जवाब दिया।

"पहले मेरी बात तो पूरी होने दो" शाह अंकल ने कहा।

"जब तक lockdown है तब तक तुम्हे रेंट देने की जरूरत नही है 2महीने का रेंट माफ किया और अपने माँ डैड पे भी pressure मत डालना। "

"पर lockdown खत्म होते ही रेंट time पे मिलना चाहिये ठीक है। चलो में चलता हूं खुद का  ख्याल रखो।"

भौतिक के चेहरे पर स्माइल सी आ गयी। शाह अंकल अपने रूम में चले गए ।पर भौतिक सोचता रहा। की शाह अंकल नारियल की तरह है ऊपर से कड़क और अंदर से बहुत ही नरम।

दोस्तो अगर इंसान गुस्से वाला है तो इसका मतलब ये नही की वो बुरा इंसान है। कभी कभी गुस्से के पीछे बहुत सारा प्यार छुपा होता है जो किसी किसी को ही दिखाई देता है।

@tri....

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