बुधवार, 31 मार्च 2021

क्या चाहते हो..


क्या चाहते हो मुझसे
इम्मान को मार दु
बेईमान बन जाऊं,
और उसके बाद भी
चाहते हो तमीज़ से पेश आऊ।
जी हुजूरी करू तलवे चाटु,
अपनो को धोखा दु
लोगो के सर काटु
क्या चाहते हो मुझसे
झूठ पे झूठ बोलू,
सत्य की बलि चढ़ा दु
स्वाभिमान को बेच दु ,
खुद की नज़रों में खुद को गिरा दु
जो चाहते हो तुम
वो मैं कभी न कर पाऊंगा।
बढ़ी मेहनत से कमाया है जमीर,
जो कभी बेच न पाऊंगा।
ज़िंदा हु जब तक
कभी सर न झुकाउंगा।
मौत का सामना हुआ अगर
तो उससे भी लड़ जाऊंगा।
मिट्ठी से बना हु मैं
अंत मे मिट्ठी में मिल जाऊंगा।
पर जो चाहते हो तुम
वो कभी न कर पाऊंगा।
✍️tri..