शनिवार, 27 जून 2020

कभी कभी (कविता)


कभी कभी.....


कभी कभी कुछ कुछ बात का दुख होता है,
कर्म करो फल न मिले तो ज्यादा दुख होता है।
कभी कभी झूठ बोलना ठीक लगता है,
पर सच बाहर आ जाये तो बहुत बुरा लगता है।
कभी कभी हालातो से समझौता ठीक लगता है,
पर हालात बेकाबू हो जाये तो ज्यादा बुरा लगता है।
कभी कभी उमीद करना बहुत अच्छा लगता है
पर उमीद के मुताबिक काम न हो तो बुरा लगता है।
@tri....

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