सोमवार, 6 जुलाई 2020

ॐ नमः शिवायः


मेरा शिव भोला भाला 
जगत गुरु निराला है,
हाथ मे त्रिशूल जटा में गंगा
कंठ में विष का प्याला है ,
नेत्र तीन है अंगारो सी
गले मे सर्पो की माला है,
भस्म श्रृंगार प्रसन्न मुख
नंदी इनकी सवारी है,
सभी गुरुओ के गुरु है भोले,
सारे ब्राम्हॉंन्ड के दाता है,
इच्छा पूर्ति के है बिधाता
मेरे भोले त्रिपुरारी है,
भोले तेरी भक्ति से 
दुखियो के दुख दूर हो जाते है ,
श्रावण के सोमवार व्रत रख
मनवांछित फल पाते है ।
@tri....