गुरुवार, 30 जुलाई 2020

सत्यम,शिवम,सुंदरम (poem)




क्यो दे रहा आवाज़,मैं तो तेरे पास हु,
मैं तेरे भीतर, तेरे दिल की आवाज़ हु,
में बारिश हु,में ही समुंदर हु,
मैं तूफान हु, में ही बवंडर हु
मैं तेरी उम्मीद हु, मैं ही तेरा विश्वास हु,
मैं तेरा डर हु, मैं तेरी हिम्मत भी हु
मैं तेरी उदासी हु,मैं ही तेरे चेहरे की मुस्कान हु,
मैं तेरा कल हु,मैं ही तेरे आज की पहचान हु,
मैं समस्या भी हु, मैं ही तेरा समाधान हु,
मैं रिश्ते की कड़वाहट हु ,मैं ही रिश्ते की मिठास हु,
मैं दया हु,मैं ही धर्म हु,
मैं दुवा हु, मैं ही आशीर्वाद हु,
मैं जन्म हु, मैं ही मृत्यु हु,
मैं ही अनादि हु,मैं ही अनंत हु,
मैं और कोई नही मैं ही सत्यम हु,
मैं ही शिवम, मैं ही सुंदरम हु।
@tri....

मंगलवार, 28 जुलाई 2020

एक लड़की थी...(poem)




एक लड़की थी कुछ ऐसी 
बागों में सुंदर फूलो के जैसी,
मासूम सा चेहरा था उसका
प्यारी सी मुस्कान थी उसकी,
सादगी की सुंदर मूरत थी
वो लड़की बहुत खूबसूरत थी,
आँखें झील और रंगत गुलाबी थी
पापा की प्यारी माँ की दुलारी थी,
किसी से न डरने वाली 
हर मुश्किलों से लड़ने वाली
दोस्तो की जान माँ बाप की शान थी,
वक़्त ने करवट बदला
बाग के इस खूबसूरत फूल को 
किसी की नज़र लग गयी,
देख न सकी वह विश्वास से
लिपटी प्यार के खंजर
शायद ईश्वर देने वाला था 
उसे संघर्षों का मंजर,
मुस्कुराने वाली लड़की 
प्यार में धोखा खायी लड़की
खामोश रहने लगी,
न कोई आस, न कोई पास
हर पल रहने लगी वह उदास,
बिंदास सी लड़की बदल सी गयी
चुटकी में उलझने सुलझाने वाली
दुसरो को मुस्कान देनी वाली
खुद मुस्कुराना भूल गयी,
शुरू में वह धोखे को धोखा 
दर्द को दर्द मानने से इनकार करती ,
न शीशा देखती है, ना सपने
पर जल्द ही खुद को संभाला उसने,
पीछा छुड़ाया आंखों की नीर से
भरने को ठाना घाव ,
जो मिले थे धोखे की तीर से,
ठोकर खाई वह जल्द ही संभल गयी 
रुख हवाओ का मोड़ 
वह सपनो की तरफ बढ़ गयी,
जीवन के महत्व को 
वह जल्द ही समझ गयी ,
नए संकल्प के साथ 
खुद की भूल सुधार वह आगे बढ़ गयी
भविष्य की सोच के साथ,
अतीत का अन्तिमसस्कार कर गयी।
एक लड़की जो कभी कमजोर थी
अब दुर्गा से काली बन गयी।
@tri....



शनिवार, 25 जुलाई 2020

संघर्ष (poem)


  
संघर्ष किसी का अपना नही होता 
पर हर संघर्ष अपना सा लगता है 
संघर्ष का कोई नाम नही होता
पर हर सफल असफल नाम संघर्ष सा लगता है
जीवन में महत्वपूर्ण बात सिर्फ जीत नही होती
जीत के पीछे एक अविराम संघर्ष होता है
इनाम वक़्त बेवक़्त तो मिलते रहते है
पर बिना संघर्ष इनाम महान नही होता है
बरसात से मुलाकात धरती की युही नही होती
उसके लिए धरती को धूप में जलना होता है
शोहरत के शिखर पर चढ़ने के लिए
हर किसी को संघर्ष करना होता है 
@tri....

सोमवार, 20 जुलाई 2020

खत का भी एक जमाना था।(poem)



स्टाइल थोड़ा पुराना था पर
खत का भी एक जमाना था
यादों की किताब थी 
प्यार का खजाना था
प्यार आंखों से सुरु होता
और खत में दिख जाता था
इजहारे मोहब्बत खत से होकर
दिल तक पहुच जाता था
तन्हाई में दोस्त की जरूरत
खत से पूरी हो जाती थी
कभी कोई अपना रूठता 
तो खत से मान जाता था
दिल का हाल ...
खत से जान जाता था
खत सिर्फ कागज़ का पन्ना नही था
जज्बातों से सजी दुनिया थी
समय बदला स्टाइल भी बदला
अब sms का जमाना है
चंद शब्दो में सिमटा सा
ज़िन्दगी का यही फसाना है।
@tri....

शनिवार, 18 जुलाई 2020

बचपन मिठ्ठी के गुलक सी (Poem)




बचपन मिट्टी के गुलक सी है
कभी अकड़ है तो कभी बकड है
इसमें छोटी छोटी खुशिया है
और रंग बिरंगे सपने भी है
जहाँ रोने की वजय है 
वही हँसने का बहाना भी है
बचपन कागज़ की कश्ती सी है
न उभरने की चिंता है 
न ही डूबने का कोई गम है
न कुछ पाने की आशा है 
न ही कुछ खोने का डर है
बचपन पतंग की उड़ान सी है
जहाँ बस अपनी धुन है 
और अपना खुद का आसमान है
न गिरने का डर है 
न चोट का कोई भय है
बचपन ना समझ है पर सच्ची सी है
बचपन कैसा भी हो 
अब की ज़िंदगी से अच्छी है।
@tri....


बुधवार, 15 जुलाई 2020

ऐतबार (Poem)

ऐतबार किसपे करे,
हर शख्स खुद को बदलता रहा।
जुबान के मौसम बदलते रहे,
दिल का हाल भी बदलता रहा।
कसमे तोड़ और वादे बिखेर कर,
वह अपनी पहचान बदलता रहा।
हालात बदलते रहे, और ...
ज़िन्दगी से ऐतबार बदलता रहा।
@tri....

सोमवार, 13 जुलाई 2020

मेरे भूले अल्फ़ाज़ (ग़ज़ल )


 
मेरे भूले अल्फ़ाज़,
लफ्जो में बयां कैसे करूँ।
किताबो के पन्ने नही,
जिन्हें किताबो में दफ्न कर दु।

मेरे भूले अल्फ़ाज़ ,
लफ्जो में बयां कैसे करूँ।
शब्दो से सजी है जो मोहब्बत,
ओठो से उनका जिक्र कैसे करूँ।

मेरे भूले अल्फ़ाज़ ,
लफ्जो में बयां कैसे करूँ।
चाहत लिखी है इन आँखों मे ,
आंखों को में कैसे पढू।

मेरे भूले अल्फ़ाज़
लफ़्ज़ों पर आकर सिमट से गये
जब उसने कहाँ,
मोहब्बत तो है पर तुमसे नही।
@tri....

शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

इजहारे मोहब्बत (Poem)


झुकती है नज़रे तेरे सामने,
आज मैं भी झुक गया हूं सनम।
कहनी है दिल की बाते
बोलो तो कह दु सनम।
दिल को लाया हूं फूलो में सजा कर
इज़ाज़त हो तो दे दु सनम।
इजहारे मोहब्बत शब्दो मे कहु
या आंखों से कह दु सनम।
वादा है मेरा साथ न छोडूंगा कभी,
कसम है मुझे तुम्हारी सनम।
@tri....

गुरुवार, 9 जुलाई 2020

दो प्लेट कामयाबी (Poem)


एक फेलियर जब रेस्तरा में बैठता है
बहुत दुखी मन से खुद को कोसता है
खुद को न जाने क्या क्या बोलता है
मानो लाइफ पूरी खत्म हो गयी हो
वेटर आता है पूछता है 
"क्या लाऊ साहब ?"
फेलियर का जवाब होता है
"दो प्लेट कामयाबी ले आओ"
दोस्तो फेलियर होना अपराध नही
फैल होने के बाद खुद को कोसना
लाइफ को खत्म करनी की बात सोचना
प्लेट में कामयाबी ढूढना अपराध है
लोग क्या कहेंगे लोग क्या सोचेंगे 
यह सोचने से अच्छा है 
समस्या का समाधान खोजो
बुरे वक्त का डट कर मुकाबला करो
ज़िन्दगी जीने का हौसला रखो
सफलता वक़्त मांगती है समझो इसे
वक़्त करवट लेगा मौसम बदलेगा
तब खुशी भी मिलेगी और मज़ा भी आयेगा।
@tri....

मंगलवार, 7 जुलाई 2020

Krishna ka prem (Poem)


राधे मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो
जब झुल्फो से तुम खेलती हो
आँचल सर पे रख जब तुम मुस्कुराती हो
तब सारे इन्द्रधनुसी रंग मुझे तुम में दिख जाते है
तुम्हारी मासुमियत तुम्हारा भोलापन
तुम्हारी सादगी मेरे मन को भा जाती है
चुपके चुपके नज़रो से जब तुम मुझे देखती हो 
घंटो पनघट पे बैठ जब तुम मेरा इंतज़ार करती हो
मेरी बासुरी की धुन सुन दीवानी हो जाती हो
मेरे लिये जब तुम लोगे के ताने सुनती हो
कृष्ण के प्यार में खोई तुम राधेकृष्ण बन जाती हो।
राधे तुम बिन सारी कृष्ण लीलाये झूठी हो जाती है
तुम्हारे होने से में हु राधे
बिन तुम्हारे कुछ नही हु राधे
@tri....

सोमवार, 6 जुलाई 2020

ॐ नमः शिवायः


मेरा शिव भोला भाला 
जगत गुरु निराला है,
हाथ मे त्रिशूल जटा में गंगा
कंठ में विष का प्याला है ,
नेत्र तीन है अंगारो सी
गले मे सर्पो की माला है,
भस्म श्रृंगार प्रसन्न मुख
नंदी इनकी सवारी है,
सभी गुरुओ के गुरु है भोले,
सारे ब्राम्हॉंन्ड के दाता है,
इच्छा पूर्ति के है बिधाता
मेरे भोले त्रिपुरारी है,
भोले तेरी भक्ति से 
दुखियो के दुख दूर हो जाते है ,
श्रावण के सोमवार व्रत रख
मनवांछित फल पाते है ।
@tri....

रविवार, 5 जुलाई 2020

Happy guru purnima(Poem)


गुरु है माता, गुरु पिता है,
गुरु है शिक्षक, गुरु शिक्षिका है,
हाथ पकड़ जो चलना सिखाये,
हर गलती पे जो डाट लगाये,
अंधेरे में जो दीपक बन जाये,
संकट में जो हिम्मत बन जाये,
वही सच्चा गुरु कहलाये।
गुरु है ज्ञान करुणा के सागर
जानवर को जो इंसान बनाये,
वीराने में जो हरियाली लाये,
जीवन पथ पे जो चलना सिखाये,
इंसानियत का जो पाठ पढ़ाये,
जिसे देख मस्तक सम्मान में झुक जाये,
वही सच्चा गुरु कहलाये।
@tri....

शनिवार, 4 जुलाई 2020

परवाह (Quote)


हम डॉक्टर्स है।(Poem)


हम डॉक्टर्स है फरिश्ते नही 
पर परवाह है हमे आपकी ।
हमारे जज्बात की कदर नही दुनिया को
पर परवाह है हमे आपके जज्बातों की।
हमारे भावनाओ का कोई मोल नही इस दुनिया मे
पर फिक्र है हमे आपके भावनाओ की।
हम डॉक्टर्स है फरिश्ते नही 
पर परवाह है हमे आपके स्वास्थ की ।
जैसे आपका विश्वास हम है 
वैसे ही हमारा विश्वास आप है।
जंग कितनी भी बड़ी हो 
आपके सहयोग के बिना कुछ नही।
आपकी जीत में ही हमारी खुशी है।
आपका सहयोग हमारी ताकत है।
हम डॉक्टर्स है फरिश्ते नही 
पर परवाह है हमे आपके अपनो की।
@tri....




शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

थैंक्स डॉक्टर ( Poem)


डॉक्टर्स तुम ईश्वर तो नहीं
पर ईश्वर रूप बन जाते हो।
चिंता की कोई बात नही 
कह के मन को सुकून पहुचाते हो,
जब आशु गिरने लगते है 
तुम सहारा बन जाते हो,
हर इंसान के दर्द की 
तुम दवा बन जाते हो,
जहा उम्मीदे खत्म हो जाये 
तुम उम्मीद बन जाते हो,
खुद की परवाह किये बिना
अपनी इच्छाओं को भूल
परिवारों की चिन्ता से दूर
हर दर्द को सहते हुए
तुम मुस्कुराते हो....
अपने सुकून की बलि देकर
तुम सबकी जान बचाते हो,
हर हाल में कैसे भी हो
तूम अपना कर्तव्य निभाते हो,
डॉक्टर्स तुम ईश्वर तो नहीं
पर ईश्वर दूत कहलाते हो।
@tri....


बुधवार, 1 जुलाई 2020

चेहरे (Quote)


राधे कृष्ण (poem)


राधे कृष्ण


है राधे की राधिका 
चंचल चितवन तेरी होए
पलके कजरारी 
ओठ अंगारे ....
नेनो में तेरे राधे बसा
चेहरे का सुख तू होए
दिल कृष्ण कृष्ण कह रहा
कृष्ण सुख कब होए 
मन खोया कृष्ण लोभ में
भूल के सुध-बुध खोये
राधे कृष्ण मन रम रमा
तू रीत न जाने कोय 
तू प्रीत न जाने कोय
न तू मीरा भई...
न राधे सी कोय...
पर कृष्ण तेरे प्रेम में 
ये तेरी दीवानी होय।
@tri....