क्यो दे रहा आवाज़,मैं तो तेरे पास हु,
मैं तेरे भीतर, तेरे दिल की आवाज़ हु,
में बारिश हु,में ही समुंदर हु,
मैं तूफान हु, में ही बवंडर हु
मैं तेरी उम्मीद हु, मैं ही तेरा विश्वास हु,
मैं तेरा डर हु, मैं तेरी हिम्मत भी हु
मैं तेरी उदासी हु,मैं ही तेरे चेहरे की मुस्कान हु,
मैं तेरा कल हु,मैं ही तेरे आज की पहचान हु,
मैं समस्या भी हु, मैं ही तेरा समाधान हु,
मैं रिश्ते की कड़वाहट हु ,मैं ही रिश्ते की मिठास हु,
मैं दया हु,मैं ही धर्म हु,
मैं दुवा हु, मैं ही आशीर्वाद हु,
मैं जन्म हु, मैं ही मृत्यु हु,
मैं ही अनादि हु,मैं ही अनंत हु,
मैं और कोई नही मैं ही सत्यम हु,
मैं ही शिवम, मैं ही सुंदरम हु।
@tri....