गुरुवार, 9 जुलाई 2020

दो प्लेट कामयाबी (Poem)


एक फेलियर जब रेस्तरा में बैठता है
बहुत दुखी मन से खुद को कोसता है
खुद को न जाने क्या क्या बोलता है
मानो लाइफ पूरी खत्म हो गयी हो
वेटर आता है पूछता है 
"क्या लाऊ साहब ?"
फेलियर का जवाब होता है
"दो प्लेट कामयाबी ले आओ"
दोस्तो फेलियर होना अपराध नही
फैल होने के बाद खुद को कोसना
लाइफ को खत्म करनी की बात सोचना
प्लेट में कामयाबी ढूढना अपराध है
लोग क्या कहेंगे लोग क्या सोचेंगे 
यह सोचने से अच्छा है 
समस्या का समाधान खोजो
बुरे वक्त का डट कर मुकाबला करो
ज़िन्दगी जीने का हौसला रखो
सफलता वक़्त मांगती है समझो इसे
वक़्त करवट लेगा मौसम बदलेगा
तब खुशी भी मिलेगी और मज़ा भी आयेगा।
@tri....

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