रविवार, 22 नवंबर 2020

क्या लिखूं .. सोच रहा हु

 

दिल के जज्बात लिखूं
या मन की व्यथा..
अधूरे अल्फ़ाज़ लिखूं
या पूरी कविता..
क्या लिखूं यह सोच रहा हूं
शब्दो की भीड में 
कही भावनाये दब न जाए
डर से सिमटे अल्फ़ाज़ 
कही खो न जाए..
दुख की बात लिखू
या सुख के गीत
क्या लिखूं यह सोच रहा हूं
सत्य का अहसास लिखू
या झूठ का बाजार
मातृभूमि की पीड़ा लिखू
या इंसान की इंसानियत
क्या लिखूं यह सोच रहा हु
आने वाले कल पर लिखू
या बीते पल पे लिखू
आंखों की भाषा लिखू
या शब्दो की परिभाषा
क्या लिखूं यह सोच रहा हु
लब से निकलते बोल लिखू
या दिल के एहसास
मन के अंधेरे कोने में
बस उजियारा आ जाए
ऐसा कुछ लिखू सोच रहा हु।
@tri..

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