जब कोरोना थोड़ा बड़ा
तो देश मे lockdown लगा।
थाली बजा,मोमबत्ती जला
रामायण और महाभारत का
एपिसोड भी चला।
जब कोरोना थोड़ा कम हुआ
तो देश मे unlockdown लगा।
बाजार खुला,हर मॉल खुला
धीरे धीरे संसार खुला।
बेफिक्र बेपरवाह हम सब हुए
आत्मनिर्भर के रंग में देश फिर रंगा।
जब कोरोना धीरे धीरे तेजी से बड़ा
तब देश मे फिर lockdown लगा।
अफरातफरी में मजदूर घर लौट पड़ा
नेताजी के भाषण का फिर दौर चला
परिस्थितिया काबू में है कोरोना कंट्रोल में
यह कहा गया और आईपीएल मैच चला।
स्कूल बंद हुए कॉलेज बंद हुए
रद्द हुआ परीक्षाओ का सफर
ताले लग गए दुकानों में
बंद हो गए मंदिर,मस्जिद, गिरजाघर
बोलने वाले बोलते रहे
पर कम न हुआ कोरोना का कहर
खोखली हो गयी रक्षा कवच
न दिखा वैक्सीन का असर
कोरोना मुह बाये पसरता रहा।
इंसान अस्पताल में बेड के लिए तरसता रहा।
मरीज ऑक्सीजन के बिना मरता रहा।
हज़ारो की तादाद में चिताए जलती रही
पर देश मे चुनाव और कुंभ चलता रहा।
✍️त्रिभुवन शर्मा..
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