बुधवार, 28 अप्रैल 2021

मुम्बई तू बहुत खास है।

 

उदास न होना मुम्बई तू बहुत खास है
मुश्किले है तो क्या हुआ,
यही तो जीत की सुरुवात है।
देश की आर्थिक राजधानी तू
छत्रपति शिवाजी महाराज का ताज है।
मुम्बा आई कि मायानगरी मुम्बई
हज़ारो लाखो सपनो की आस है।
तेरे सर जमी पर बाबुल नाथ है
जहाँ भोले बाबा का वास है।
मुम्बई के महाराजा सिद्धिविनायक है
जिनका तुझ पर आशीर्वाद है।
धन दौलत और रौनक कभी कम न होगा
जहाँ महालक्ष्मी खुद ही बिराजमान है।
तेरी रखवाली में है खड़ा समुन्द्र
उसी समुन्दर में हाज़िअली का दरबार है।
वन जीयो से सजी यह धरती
पहाड़ो वाली माँ जीवदानी का धाम है।
तो क्यो मायूश होती है मुम्बई
जब तेरे सर पर इतनी दुवाओ का हाथ है।
समय कैसा भी हो अच्छा या बुरा
मुम्बईकर हमेशा तेरे साथ है।
उदास न होना मुम्बई तू बहुत खास है
✍️त्रिभुवन शर्मा..

सोमवार, 26 अप्रैल 2021

सही मौका है आजमालो अपनो को..

 

सही मौका है परख लो अपने खास रिश्तेदारों को,
अपने बॉस को अपने दोस्तों और यारो को।
ये लोग कहते थे हम एक परिवार है
दुख हो या सुख हम हमेशा तैयार है।
सही वक़्त है मदद मांग कर देख लो
अपना कौन पराया कौन पहचान कर देख लो।
अपना होगा तो आपके कॉल का रिस्पांस देगा,
पराया होगा तो आपके कॉल को इग्नोर करेगा।
अपना होगा तो साथ देने का वादा करेगा ,
पराया होगा तो हर रोज बस बहाना करेगा।
जो मदद करना चाहेगा वो फिक्र में कॉल करेगा ,
जो मदद नही करना चाहेगा वो सीधा ब्लॉक करेगा।
वक़्त यही है प्यारे लोगो को आजमाने का,
कौन तेरे साथ है इसका पता लगाने का।
✍️त्रिभुवन शर्मा..

शनिवार, 24 अप्रैल 2021

अब कुछ नज़र नही आता..

 

फितरत है झूठी प्रशासन की
कोई सूरत अब नज़र नही आती।
सच्चाई से रूबरू हो रही जनता
अब कोई मूरत नज़र नही आती।
तांडव है मौत का जल रही है चिताए शमशान में
बचने की कोई सीरत नज़र नही आती।
मातम का माहौल और डर है कोने कोने में
अब तो निकलने की कोई तरकीब
नज़र नही आती।
इंसान कैद है घरों में लग गए मंदिर में ताले
हालात इतनी बुरी की भगवान नज़र नही आते।
हाल बुरा है सबका अये हाले दिल-अये हाले वतन
अब तो भाग्य की लकीर भी नज़र नही आती।
भेड़ियों की खाल पहने कहा छुप गए वो भेड़
अब तो वो भाड़े की भीड़ भी नज़र नही आती।
कहाँ गए वो लोग जो दे रहे थे भीख ज़िन्दगी की
करते थे बाते विकास और सुरक्षा की,
कहाँ गए वो देवता जो दे रहे थे
सीख आत्मनिर्भरता की,
अब तो हालात ऐसी है कि
रक्षा की बात करने वाले रक्षक भी नज़र नही आते।
सब खेल है राजनीति का हमने यह बात जाना
शायद Population control करना होगा
यही हकीकत माना।
विनती है जनता से खुद की सुरक्षा खुद करे
मास्क पहने ठीक से और सेनेटाइजर use करे।
अब न संभले यारो तो कभी संभल न पाओगे
प्रशासन के भरोसे बैठे तो शमशान में
नज़र आओगे।

मंगलवार, 20 अप्रैल 2021

कोरोना का कहर।

 

जब कोरोना थोड़ा बड़ा
तो देश मे lockdown लगा।
थाली बजा,मोमबत्ती जला
रामायण और महाभारत का
एपिसोड भी चला।
जब कोरोना थोड़ा कम हुआ
तो देश मे unlockdown लगा।
बाजार खुला,हर मॉल खुला
धीरे धीरे संसार खुला।
बेफिक्र बेपरवाह हम सब हुए
आत्मनिर्भर के रंग में देश फिर रंगा।
जब कोरोना धीरे धीरे तेजी से बड़ा
तब देश मे फिर lockdown लगा।
अफरातफरी में मजदूर घर लौट पड़ा
नेताजी के भाषण का फिर दौर चला
परिस्थितिया काबू में है कोरोना कंट्रोल में
यह कहा गया और आईपीएल मैच चला।
स्कूल बंद हुए कॉलेज बंद हुए
रद्द हुआ परीक्षाओ का सफर
ताले लग गए दुकानों में
बंद हो गए मंदिर,मस्जिद, गिरजाघर
बोलने वाले बोलते रहे
पर कम न हुआ कोरोना का कहर
खोखली हो गयी रक्षा कवच
न दिखा वैक्सीन का असर
कोरोना मुह बाये पसरता रहा।
इंसान अस्पताल में बेड के लिए तरसता रहा।
मरीज ऑक्सीजन के बिना मरता रहा।
हज़ारो की तादाद में चिताए जलती रही
पर देश मे चुनाव और कुंभ चलता रहा।
✍️त्रिभुवन शर्मा..