बुधवार, 30 दिसंबर 2020

नया साल..

 

      लड़ते झगड़ते ,गिरते पड़ते        
कभी दुख में कभी सुख में
यादों की तिजोरी सजोये 
संभलते हुए आगे बढ़ गया
लो वक़्त के साथ साथ 
यह साल भी गुजर गया 
कई नींद में ही सो गए 
और जो जागे हुए थे..
वो ज़िन्दगी के भीड़ में खो गए
कई रिश्ते बिखरे कई सपने टूटे
कइयों के अपने भी रूठे
अपने अनजाने हो गए
अनजाने अपने हो गए
फिर भी ज़िन्दगी चलती रही
समय के साथ ढलती रही
               कभी आजमाती रही            
तो कभी बदलती रही
दिन महीने साल युही बीतता गया
उम्र का एक साल और चला गया
पर वक़्त का पहिया कभी नही रुका
फिर उम्मीदों के सपने बुनते हुए
आशाओ का सृंगार करते हुए
वक़्त के साथ साथ चलते हुए
हौसलो की उड़ान भरते हुए
कई चुनौतिया साथ लिए
पुराने साल को खुशी खुशी विदा कर
पूरे हर्ष उल्लाश के साथ
नए साल ने दस्तक दिया।
@tri..

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