सोमवार, 12 अक्टूबर 2020

आत्मनिर्भर फेरीवाले

 


कल अचानक सड़क का नजारा देखने लायक था
फेरीवाले अपने सामान समेटे यहाँ वहाँ भाग रहे थे
ऐसा लग रहा था मानो कोई तूफान आ रहा हो
वहाँ से गुजरने वाले लोग खड़े तमाशा देख रहे थे
अचानक सामने से एक बड़ी सी गाड़ी गुजरती है
सड़क के किनारे बाजार के बीच वह रुकती है
गाड़ी के रुकते ही कुछ लोग गुस्से में उतरते है
बाजार से भाग रहे फेरीवालों को पकड़ कर मारते है
सामान से भरे टोकरियों को छिन कर फेक देते है
उनके फल और सब्जियों को अपने गाड़ी में भरते है
और धमकी देते हुए  तेजी से वहाँ से निकल जाते है 
समझ नही आया कि फेरीवालों का अपराध क्या है
क्या बाजार में फल सब्जियां बेचना उनका अपराध है?
या आत्मनिर्भर बन रोजगार करना अपराध है?
जब एक फेरीवाले से मैंने पूछा कि ये लोग कौन थे 
क्यो आप लोगो की सब्जियां, फल ठेले सहित ले गए?
जवाब मिलते ही दिल और दिमाग शांत सा हो गया
फेरीवाले ने बड़े ही गुस्से में तिलमिलाकर जवाब दिया, 
"साहब बाजार में फेरीवालों को हफ्ता देना होता है
जो फेरीवाला हफ्ता नही देता उसका यही हाल होता है"
मैंने पूछा"वैसे ये हफ्ता किसके कहने पे लिया जाता है?

फेरीवाले के जवाब ने तो नेताओं की पोल ही खोल दी
जो कुछ मुझे नही पता था उसकी नम आंखों ने बोल दी
यारो सच हम सबको को पता है पर डर से कुछ बोलते नही
इंसान है पर बंदर की तरह गुलाटी मारना हम छोड़ते नही 
हर किसी के जुबान पर है आत्मनिर्भर बनो आत्मनिर्भर
आप खुद ही सोचिये कोई इस तरह कैसे बने आत्मनिर्भर?
@tri....

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