सोमवार, 21 सितंबर 2020

दिल से दिल की बात

 

तेरी आहट से में तो वाकिब हु
तू तो नही है, पर मैं तो शामिल हु
जो भी हो रहा है, ये ना मेरा क़सूर है
जो भी हो गया है, ना तेरा क़सूर है
कहता हूं मैं साथ हु ,मैं तेरे पास हु
कुछ भी नही मैं तेरा, सिर्फ़ अहसास हु
आदते मजबूरियां, बन गयी अब दूरियां
जी रहा हु बस, यही तेरी यादों में कही
आरजू मिट सी गयी, जुस्तजू मिट से गये
न कुछ बचा है अब, न कोई अब खास है
खुश रहो तुम सदा,नए सफर की शुरुवात हो
न रहे कोई गम कही, ज़िन्दगी सदा आबाद हो
दिल की तमन्ना यही, फिर कही मुलाक़ात हो
दिल से दिल फिर मिले, खुशियों की बरसात हो
@tri....

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