बुधवार, 30 दिसंबर 2020

नया साल..

 

      लड़ते झगड़ते ,गिरते पड़ते        
कभी दुख में कभी सुख में
यादों की तिजोरी सजोये 
संभलते हुए आगे बढ़ गया
लो वक़्त के साथ साथ 
यह साल भी गुजर गया 
कई नींद में ही सो गए 
और जो जागे हुए थे..
वो ज़िन्दगी के भीड़ में खो गए
कई रिश्ते बिखरे कई सपने टूटे
कइयों के अपने भी रूठे
अपने अनजाने हो गए
अनजाने अपने हो गए
फिर भी ज़िन्दगी चलती रही
समय के साथ ढलती रही
               कभी आजमाती रही            
तो कभी बदलती रही
दिन महीने साल युही बीतता गया
उम्र का एक साल और चला गया
पर वक़्त का पहिया कभी नही रुका
फिर उम्मीदों के सपने बुनते हुए
आशाओ का सृंगार करते हुए
वक़्त के साथ साथ चलते हुए
हौसलो की उड़ान भरते हुए
कई चुनौतिया साथ लिए
पुराने साल को खुशी खुशी विदा कर
पूरे हर्ष उल्लाश के साथ
नए साल ने दस्तक दिया।
@tri..

रविवार, 20 दिसंबर 2020

रूठना और मनाना

 

मेरा रूठना और तेरा मुझको मनाना
दिल का टूटना फिर तुझसे ही दिल लगाना
बाते न करना और बाते बनाना
कुछ न बोल कर भी बहुत कुछ बोल जाना
आंखे मटकाना और ओठो से मुस्कुराना
खुद भी हँसना और मुझको भी हँसाना
इशारो इशारो में मुझको मनाना
कितना प्यार है मुझसे, ये अहसास कराना
कान पकड़ के उठक बैठक लगाना
फिर भी न मानु तो मेरे करीब आना
"सॉरी" कह के मेरे गले लग जाना
कितने भी झगड़े करना पर दूर न रह पाना
दो पल का गुस्सा पल भर में मिट जाना
यही तो प्यार है कभी रूठना कभी मनाना
आदत है प्यार की प्यार की आदत बन जाना।
          ✍️tri..        

रविवार, 13 दिसंबर 2020

मेरे सच्चे अल्फ़ाज़

 

जय जवान जय किसान
भले हो लाख बेईमान
न गिरने पाए आन बान शान
क्यो की मेरा देश है महान
वक़्त बदला, ट्रेन्ड भी बदला
दुनिया बदली ,देश भी बदला
पर न बदला इंसान
जो वक़्त बेवक़्त बेचे अपना ईमान
पर फिर भी मेरा देश है महान
धरा को चीर कर बीज बोता
मेहनत से अनाज उगाता
आभाओ से रोज है लड़ता
बूंद बूंद पानी को तरसता
कभी है जीता कभी है मरता
पर मिट्टी से कभी जुदा न होता
आज़ादी के पहले भी था रोता
आज़ादी के बाद भी है रोता
मेरे देश का गरीब किसान 
पर फिर भी मेरा देश है महान।
नेताओ का भाषण सुनता
उनके आश्वाशन सुनता
उम्मीदों की बगीया को 
महकाने के चक्कर मे
सपनो का मायाजाल है बुनता
तपता, जलता खुद को है भुनता
मेरे देश का आम इंसान
पर फिर भी मेरा देश है महान।
सीमा की रक्षा है करता
देश के लिए है जीता मरता
परिवार से सदा दूर ही रहता
वक़्त पड़ने पर पीछे न हटता
मेरे देश का वीर जवान
पर हम सब है इन बातों से अनजान
फिर भी मेरा देश है महान।
चाहे पढ़ लो गीता चाहे पढ़ लो कुरान
बाइबल हो या श्री आदि ग्रंथ महान
सभी ग्रंथो का सार एक है 
एक है सब मे ज्ञान
कर्म है दाता कर्म विधाता
कर्म से बनता व्यक्ति महान
कर्म से ही है मानवता की पहचान
तभी बढ़ेगा देश का शान
और बन जायेगा देश महान।
✍️tri..

गुरुवार, 3 दिसंबर 2020

बेटियां..( Pride of nation)

 

वक़्त बदलेगा समाज भी बदल जाएगा।
जिस दिन हर बेटी को उसका हक़ मिल जाएगा।
बेटी जन्म लेगी बाप जस्न मनाएगा।
उस दिन माँ का दिल खुशियों से भर जाएगा।
बेटी सपने बुनेगी बाप उसे रास्ता दिखाएगा।
माँ की ममता संग हर बाग खिलखिलाएगा।
उस दिन संस्कारो की बगिया में हर फूल मुस्कुराएगा।
जिस दिन से भाई -भाई होने का फर्ज निभाएगा।
उस दिन से रक्षा बंधन का वचन सफल हो जाएगा।
जिस दिन बाप अपनी बेटी को बेटी कह के बुलाएगा।
उस दिन बेटी को बेटी होने का हक़ मिल जाएगा।
जिस दिन से समाज दिल से बेटी को अपनाएगा।
उस दिन से बेटी बोझ है यह कलंक मिट जाएगा।
बेटी लक्ष्मी होती है घर की जब परिवार समझ जाएगा।
उस दिन बेटी को बेटी होने पर गर्व हो जाएगा।
जिस दिन से बेटी को बेटी,बहु को बहु , माँ को माँ
बहन को बहन और पत्नी को पत्नी ,
होने का सम्मान मिल जाएगा।
उस दिन से यह पुरुष प्रधान देश बदल जाएगा।
बेटी अभिमान है देश की बुनियाद है।
समाज का उत्थान है पिता की पहचान है।
जब पुरुष प्रधान समाज इस बात को समझ जाएगा।
उस दिन से हर बेटी का जीवन सवर जाएगा।
महिला संग पुरुष होगा जो प्रधान कहलाएगा।
शक्ति बिना शिव का कोई मतलब न रह जाएगा।
यह बात जब देश का हर वर्ग समझ जाएगा।
उस दिन से समाज बदलेगा यह देश भी बदल जाएगा।
@tri..