शुक्रवार, 28 अगस्त 2020

ज़िन्दगी (poem)



ज़िन्दगी तुझपे ऐतबार क्यो न करे
ज़िन्दगी तुझसे प्यार क्यो न करे
वक़्त बेवक़्त साथ निभाया है तूने
हर जख्मो पे मलहम लगाया है तूने
खुश होने का राज तू ही तो है ज़िन्दगी
मन उदास हो तो सॉज तू ही तो है ज़िन्दगी
हर सवालों का जवाब भी तो है ज़िन्दगी
खटास है तो मिठास भी तो है ज़िन्दगी
ज्यादा ख्वाहिशें तो नही तुझसे ये ज़िन्दगी 
जो भी दिया वो कम भी नहीं ये ज़िन्दगी
आ बैठ थोड़ा गप्पे लगाते है ज़िन्दगी
तू भी थक गई होगी भागते भागते ज़िन्दगी
@tri....

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