शनिवार, 1 अगस्त 2020

दोस्तो की खट्टी मीठी यादे (poem)




कुछ खट्टी-मीठी और प्यारी-प्यारी बाते, 
कुछ अधूरी सी अनकही फरियादें,
यादों में आंखे नम है और हो रही बरसातें,
बरसातों में कुछ कमीने दोस्तो की यादे,
यादों में ख्वाब और सपनों से सजी राते,
रातो में भी हम करते थे दोस्तो से बाते,
बातो-बातो में एक दूसरे की व्हाट लगाते,
सुबह होते ही फिर से दोस्त बन जाते,
लेक्चर में दुसरो की टिफ़िन हम खाते,
पकड़े जाने पर दोस्तो का नाम बताते,
चन्दा जमा कर बर्थडे पार्टी हम मनाते,
Exams में एक दूसरे का सहारा बन जाते
दोस्तो से कोई बात हम कभी नही छुपाते,
वक़्त पर दोस्तो के लिए जान पे खेल जाते,
गलतियां करते और खुद को हम बचाते,
सच सामने आये तो दोस्त को बकरा बनाते,
फिर एक दूसरे को मनाते और यकीन दिलाते,
इन्ही खट्टी मीठी यादों से आंखों में होती है बरसाते,
यही सोचते है की काश वो दोस्त फिर मिल जाते।
@tri....

4 टिप्‍पणियां: