शनिवार, 22 मई 2021

बहुत अच्छा किया किनारा कर के।

 

बदनाम कर दिया हमारी मोहब्बत को
खराब किस्मत का इशारा कर के।
रस्ते रस्ते मंजिल मंजिल भटकता रहा
दर्द क्या खूब दिया सहारा बन के।
कोई कसूर न था मेरी चाहत में
न कोई कमी ही थी जज्बातों में
दिल टूटा बस टूटता ही गया
कमियों का बहाना कर के।
न कभी उसे अहसास हुआ
न कभी मुड़ के देखा कही
न कभी समझा मेरे प्यार को
चला गया वो बेसहारा कर के।
दो लफ़्ज़ों में सिमट गयी ज़िन्दगी
हमने उसे टूट का चाहा
और हम चाह कर टूट गये
साथ रहने का इरादा कर के ।
कसूर बस इतना था दिल का
बेइंतिहा प्यार किया उसे अपना समझ के।
पर छोड़ गया अकेला कमबख्त
बस झूठा वादा करके ।
तकलीफ हुई तड़पे भी बहुत
रोना चाहा पर रो न सके
फिर से उठने का इरादा करके।
हम काबिल थे हर जख्म सहने को
पर तुम काबिल न थे हमारी वफ़ा के लिए
इसलिए बहुत अच्छा किया हमसे किनारा कर के।
✍️त्रिभुवन शर्मा

मंगलवार, 11 मई 2021

कोरोना योद्धाओ को सलाम।

 

आंखे इनकी अक्सर हो जाती है नम
पर इनके हौसले कभी नही होते कम।
इनमे कोई कभी थकता नही
इनमे कोई कभी रुकता नही ।
निडर है साहसी है लक्ष्य एक है इनका
नामुमकिन को मुमकिन करने का जज्बा है इनका।
इनके लिए रात हो या दिन सब एक है
इनका मकसद मानव सेवा जो बहुत ही नेक है।
अपने घर और परिवार से दूर है ये लोग
पर अपने कर्तव्यों पर डटे है ये लोग।
अपनी परवाह किये बिना अपने दम पर अड़े है
मुश्किल के इस वक़्त में जो हमारे साथ खड़े है।
भूखे प्यासे जो आज इतिहास बनाने में लगे है
मौत से रोज आंखे मिलाते ये किसी के तो सगे है।
अनजान है ये योद्धा हमारे लिए
पर किसी न किसी रिश्ते में ये भी तो बंधे है।
ये है किसी के भाई,किसी की बहन है,
किसी के पति,तो किसी की पत्नी है।
ये है पिता किसी के,किसी की माँ है,
किसी के प्रेमी, तो किसी की प्रेमिका है।
ये ऐसे योद्धा है जिनके लिए संघर्ष अविराम है
जीवन इनका प्रेरणा स्रोत है इनके अखंडित जज्बे को दिल से सलाह है।

✍️त्रिभुवन शर्मा..



गुरुवार, 6 मई 2021

नीद कहाँ से आएगी।

 

कोशिश करोगे मुस्कुराने की
पर सच वाली हँसी ओठो पर न आएगी।
झूठ का नकाब ओढ़े ज़िन्दगी
कभी न कभी तो डगमगायेगी।
खुशियों के पल खरीदोगे
तो उलझने भी साथ आएगी।
लोगो की बदुआये लोगे तो
रात में नींद कहाँ से आएगी।
सर दर्द से फटेगा रूह कपकपायेगी,
साँसे लोगे तो दिल की धड़कन बड़ जाएगी।
डर के कदमो की आहट
अक्सर वक़्त बेवक़्त सतायेगी।
चाहोगे दुनिया से आज़ाद होना
पर आज़ादी रास न आएगी।
सारी उलझनों से दूर शांति से
सोना चाहोगे पर नींद कहाँ से आएगी।
✍️त्रिभुवन शर्मा..

शनिवार, 1 मई 2021

दहेज लेना और देना एक गंभीर बीमारी है।

 

लड़की की शादी करो पर लड़की को बेंचो मत
ज्यादा दहेज देकर उसको कही फेको मत
लडकिया कचरा नही है dusbin में डालो मत।
लडकिया है लड़का नही ये समझ कर
अपना गुस्सा इन पर निकालो मत।
न सोचो लड़का बुढ़ापे का सहारा बनेगा
क्या पता बढ़ा हुआ तो सबसे किनारा करेगा।
लड़किया बोझ नही हमारी जिम्मेदारी है।
सहती सब कुछ बोलती नही
यह उनकी खुद्दारी है।
वक़्त के साथ चलो हर लड़की का सम्मान करो
लक्ष्मी है घर की इन पर अभिमान करो।
दहेज लेना और देना एक गंभीर बीमारी है
दहेज लेने वाला समाज का सबसे बड़ा भिखारी है।
दहेज वही लेगा जिसमे सामर्थ नही होगा
सीधी सी बात है वह मर्द नही होगा।
✍️त्रिभुवन शर्मा..