बुधवार, 31 मार्च 2021

क्या चाहते हो..


क्या चाहते हो मुझसे
इम्मान को मार दु
बेईमान बन जाऊं,
और उसके बाद भी
चाहते हो तमीज़ से पेश आऊ।
जी हुजूरी करू तलवे चाटु,
अपनो को धोखा दु
लोगो के सर काटु
क्या चाहते हो मुझसे
झूठ पे झूठ बोलू,
सत्य की बलि चढ़ा दु
स्वाभिमान को बेच दु ,
खुद की नज़रों में खुद को गिरा दु
जो चाहते हो तुम
वो मैं कभी न कर पाऊंगा।
बढ़ी मेहनत से कमाया है जमीर,
जो कभी बेच न पाऊंगा।
ज़िंदा हु जब तक
कभी सर न झुकाउंगा।
मौत का सामना हुआ अगर
तो उससे भी लड़ जाऊंगा।
मिट्ठी से बना हु मैं
अंत मे मिट्ठी में मिल जाऊंगा।
पर जो चाहते हो तुम
वो कभी न कर पाऊंगा।
✍️tri..

रविवार, 28 मार्च 2021

कोरोना संग होली ।

 

होली है रंगों का त्योहार
हर कोई करता है इसका इंतजार
रंगों से सजने को हम है तैयार
मृदंग के स्वर में झूमने को है बेकरार
पर इस बार की होली होगी बेरंग
न उड़ेगा गुलाल न ही कोई रंग
न सजेगी टोली न रचेगी रंगोली
कोरोना के साये में मनेगी होली
बेफिक्र बिंदास इस बार न होना
नही तो पड़ जाएगा तुमको रोना
खेलो होली अपनो के संग
कही कोरोना कर न दे रंग में भंग
इसने किया है पूरी दुनिया को तंग
अभी भी जारी है इससे जंग
रहे सतर्क रखे ध्यान
तब ही होगा सबका कल्यान
पहने मास्क ,रखे दूरी
न बनने दे कोरोना को मजबूरी
होली है तो खेलो होली
सजा के रखो शब्दो की टोली
जम के मारो संदेशो की पिचकारी
रंग दो दुनिया सकारत्मकता से सारी।
✍️tri..